आज की कहानी दादी का जादुई हलवा।
यह कहानी है मयंक की वह पढ़ने में बहुत होनहार था और वह स्कूल में अव्वल आता था परंतु क्लास में सबसे छोटा और कमजोर बच्चा था। कमजोर होने के कारण उसे सब बच्चे क्लास में परेशान करते थे पर वो कुछ कर नहीं पाता था। 1 दिन क्लास के सबसे शरारती बच्चे टीकू ने इसे बहुत परेशान किया और उसे धक्का देकर गिरा दिया। इससे उसे चोट भी लगी पर वह कुछ भी नहीं कर पाया। क्योंकि वह इतना ताकतवर नहीं था कि वह टीकू से लड़ सके।
इसीलिए वह दुखी मन से घर पहुंचा। स्कूल में हमेशा परेशान होने की वजह से उसने स्कूल जाना बंद कर दिया। यह देख कर दादी ने उसकी उदासी की वजह पूछी। और मयंक ने सारी बात बताई। फिर दादी किचन में गई और अपने नुस्खे से हलवा बनाया टिफ़न में भरके मयंक को दे दिया और कहा जब भी तुझे कोई परेशान करें तुम इस हलवे को खा लेना यह एक जादुई हलवा है इससे तुम्हें ताकत मिलेगी और उसे सबक सिखा देना। और ध्यान रहे एक बार में सिर्फ एक ही चम्मच खाना नहीं तो सब गड़बड़ हो जाएगी। आज मयंक खुशी खुशी स्कूल जा रहा था क्योंकि उसके पास जादुई हलवा था। आज जो भी मयंक को परेशान करता उसे मयंक जादुई हलवा खा कर सबक सिखा देता। टीकू ने भी उसे परेशान करने की कोशिश की परंतु उसे भी मयंक ने मजा चख़ा दिया। धीरे-धीरे मयंक ताकतवर होने लगा परंतु मयंक और भी ज्यादा ताकतवर होना चाहता था। इसलिए उसने थोड़ा और ज्यादा हलवा खाना शुरू कर दिया। और भी ज्यादा ताकतवर हो गया। जिससे उसे दूसरे बच्चे डरने लगे धीरे-धीरे करके मयंक को दूसरे बच्चों को डराने में मजा आने लगा। और उसे अपनी ताकत पर घमंड होने लग गया अब मयंक का लालच और बढ़ गया। और वह दुनिया में सबसे ताकतवर बनना चाहता था।
इसलिए उसने सारा हलवा एक साथ खा लिया। और देखते ही देखते मयंक विशाल होने लगा। उसका शरीर बहुत बड़ा और भारी हो गया। जिससे वह धड़ाम से जमीन पर गिर पड़ा और वह इतना भारी हो गया था कि अपना हाथ तक भी नहीं उठा पाया। अपनी इस हालत को देखकर मयंक को एहसास हो गया कि उसकी खुद की लालच की वजह से उसकी यह हालत हुई है। कुछ समय बाद दादी को मयंक के बारे में पता चला। और दादी जल्दी से मयंक के पास पहुंची और उसे घर लें जाती है।
दादी:- मैंने तुम्हें पहले ही कहा था बहुत ज्यादा मत खाना पर तुमने नहीं माना। अब तुम्हें पछताना पड़ रहा है। फिर मयंक ने दादी से माफी मांगी। अब से वह हमेशा दादी की बात मानेगा और किसी को परेशान नहीं करेगा। और दूसरे बच्चों ने भी दादी से माफी मांगी कि वह भी कभी किसी को परेशान नहीं करेंगे। फिर दादी ने झट से अपने नुस्खे से मयंक को ठीक कर दिया।
तो बच्चों हमें इससे सीखने को मिलता है बड़े लोगों की बातों को मानना चाहिए क्योंकि बड़े लोग हमेशा हमारे अच्छे के लिए कहते हैं और कभी भी किसी को परेशान नहीं करना चाहिए।
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